Online #book-rental services save time by delivering books to a member's home or office. In addition to#convenience, the service also offers an ease-of-use benefit; membership on most #websites involves a simple registration form and payment through bank transfer or #cash on delivery. This is important in a#market that does not yet trust internet-based monetary transactions. Once #membership is #paidthe user logs in to browse books, and clicks the "rent" button to receive the chosen#books at home.
Thursday, 5 February 2015
Publish Free Ebook And earn 85% royalty
Online #book-rental services save time by delivering books to a member's home or office. In addition to#convenience, the service also offers an ease-of-use benefit; membership on most #websites involves a simple registration form and payment through bank transfer or #cash on delivery. This is important in a#market that does not yet trust internet-based monetary transactions. Once #membership is #paidthe user logs in to browse books, and clicks the "rent" button to receive the chosen#books at home.
Tuesday, 3 February 2015
लुटेरों का टीला
लुटेरों का टीला गाँव से बाहर एक छोटी सी पहाड़ी पर काली देवी का एक मंदिर था । आसपास के इलाके मेँ उसकी काफी मान्यता थी लेकिन स्थानीय मान्यता और परंपरा के अनुसार वहाँ सिर्फ खास उद्देश्य से ही जाते थे जैसे कोई मान्यता पूरी होने पर देवी की विशेष पूजा और धन्यबाद करने हेतु । वो भी शुक्रवार को । बाकी दिन वहाँ सुनसान और शांति पसरी रहती । नवरात्री के नौ दिनों मेँ जरूर प्रतिदिन बड़ी संख्या मेँ लोग देवी दर्शन और पूजा के लिए पहुँचते और हर समय हलचल बनी रहती ।
उस दिन शुक्रवार नहीं था । नवरात्री अभी दूर थीं । गोधूलि वेला में मंदिर की सीडियों पर एक साँवली तीखे नाकनक्श और बड़ी बड़ी आँखों वाली लम्बी और छरहरी लड़की बैठी थी । उसके काले घने और लंबे बालों की वेणी एक कंधे से होती हुई सामने लटकी हुई थी । ये पार्वती थी । उसे कैलाश का इंतजार था उसकी निगाहें जमीन से पहाड़ी के ऊपर तक आने वाली सीडियों पर थीं । तभी कैलाश ने पीछे से आकार उसे चौंका दिया । वह सीडियों के रास्ते से न आकर पीछे से चढ़ाई चढ़ता हुआ आया था ।
आते ही पार्वती ने उलाहना दिया
Monday, 2 February 2015
सूरज प्रकाश की 10 चुनी हुई कहानियां
सूरज प्रकाश की 10 चुनी हुई कहानियां मूल कार्य • अधूरी तस्वीर (कहानी संग्रह) 1992 • हादसों के बीच – (उपन्यास), 1997 • देस बिराना – (उपन्यास, ऑडियो सीडी के रूप में भी उपलब्ध़), 2000 • छूटे हुए घर – (कहानी संग्रह), 2002 • ज़रा संभल के चलो - (व्यंग्य संग्रह), 1998 • दाढ़ी में तिनका (विविध), 2009 • मर्द नहीं रोते (कहानी संग्रह) 2012 • खो जाते हैं घर (कहानी संग्रह) 2012 • छोटे नवाब बड़े नवाब (कहानी संग्रह) 2013 अंग्रेजी से अनुवाद • जॉर्ज आर्वेल का उपन्यास एनिमल फार्म, 2013 • गैब्रियल गार्सिया मार्खेज के उपन्यास Chronicle of a death foretold • ऐन फैंक की डायरी का अनुवाद, 2000 • चार्ली चैप्लिन की आत्म कथा का अनुवाद, 2006 • मिलेना (जीवनी) का अनुवाद 2004 • चार्ल्स डार्विन की आत्म कथा का अनुवाद 2008 गुजराती से अनुवाद • प्रकाशनो पडछायो (दिनकर जोशी का उपन्यास), 1998 • व्यंग्यकार विनोद भट की तीन पुस्तकों का अनुवाद, 2000 • गुजराती के महान शिक्षा शास्त्री गिजू भाई बधेका की दो पुस्तकों दिवा स्वप्न और मां बाप से का तथा दो सौ बाल कहानियों का अनुवाद। 2000 • महात्मां गांधी की आत्ममकथा का अनुवाद 2012 संपादन • बंबई 1 (बंबई पर आधारित कहानियों का संग्रह), 1999 • कथा लंदन (यूके में लिखी जा रही हिन्दी कहानियों का संग्रह), 2005 • कथा दशक (कथा यूके से सम्मानित 10 रचनाकारों की कहानियों का संग्रह), सम्मान • गुजरात साहित्य अकादमी का सम्मान 1994 और • महाराष्ट्र अकादमी का सम्मान 2002 • आशीर्वाद सम्माकन 2011 अन्य • कहानियां विभिन्न संग्रहों में प्रकाशित, कहानियों के दूसरी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित, • कहानियों का रेडियो पर प्रसारण और कहानियों का दूरदर्शन पर प्रदर्शन लेखन पर दो एम फिल और रचनाएं तीन पीएचडी कार्य में शामिल वेबसाइट: www.surajprakash.com email ID : mail@surajprakash.com, mobile : 9930991424 पता: एच1/101 रिद्धि गार्डन फिल्मr सिटी रोड, मालाड पूर्व मुंबई 400097 क्रम 1. उर्फ चंदरकला 2. किराये का इंद्रधनुष 3. क्या आप ग्रेसी राफेल से मिलना चाहेंगे? 4. खो जाते हैं घर 5. छोटे नवाब बड़े नवाब 6. डरा हुआ आदमी 7. दो जीवन समांतर 8. बाबू भाई पंड्या 9. मर्द नहीं रोते 10. यह जादू नहीं टूटना चाहिये दिसम्बूर 1990 में वर्तमान साहित्यस में छपी कहानी जिसने छपते ही हंगामा मचा दिया था। बरस भर पत्र छपे, वार्षिक चंदा वापिस मांगा गया और बिहार में इसकी हजारों फोटोकापी कराके गोष्ठि9यां की गयीं और चार पेजी न्यूज बुलेटिन निकाले गये। पूरे बरस साहित्यी में चर्चा का विषय बनने का सौभाग्यज। कुछेक लोगों ने अश्ली लता का आरोप लगाते हुए मुझपर केस करने की धमकी दी। लेखन क्रम से ये मेरी लिखी गयी चौथी और प्रकाशन के हिसाब से सातवीं कहानी है।
Read More here: http://www.onlinegatha.com/poem-of-onlinegatha
Subscribe to:
Posts (Atom)