Monday 2 February 2015

सूरज प्रकाश की 10 चुनी हुई कहानियां


सूरज प्रकाश की 10 चुनी हुई कहानियां मूल कार्य • अधूरी तस्वीर (कहानी संग्रह) 1992 • हादसों के बीच – (उपन्यास), 1997 • देस बिराना – (उपन्यास, ऑडियो सीडी के रूप में भी उपलब्ध़), 2000 • छूटे हुए घर – (कहानी संग्रह), 2002 • ज़रा संभल के चलो - (व्यंग्य संग्रह), 1998 • दाढ़ी में तिनका (विविध), 2009 • मर्द नहीं रोते (कहानी संग्रह) 2012 • खो जाते हैं घर (कहानी संग्रह) 2012 • छोटे नवाब बड़े नवाब (कहानी संग्रह) 2013 अंग्रेजी से अनुवाद • जॉर्ज आर्वेल का उपन्यास एनिमल फार्म, 2013 • गैब्रियल गार्सिया मार्खेज के उपन्यास Chronicle of a death foretold • ऐन फैंक की डायरी का अनुवाद, 2000 • चार्ली चैप्लिन की आत्म कथा का अनुवाद, 2006 • मिलेना (जीवनी) का अनुवाद 2004 • चार्ल्स डार्विन की आत्म कथा का अनुवाद 2008 गुजराती से अनुवाद • प्रकाशनो पडछायो (दिनकर जोशी का उपन्यास), 1998 • व्यंग्यकार विनोद भट की तीन पुस्तकों का अनुवाद, 2000 • गुजराती के महान शिक्षा शास्त्री गिजू भाई बधेका की दो पुस्तकों दिवा स्वप्न और मां बाप से का तथा दो सौ बाल कहानियों का अनुवाद। 2000 • महात्मां गांधी की आत्ममकथा का अनुवाद 2012 संपादन • बंबई 1 (बंबई पर आधारित कहानियों का संग्रह), 1999 • कथा लंदन (यूके में लिखी जा रही हिन्दी कहानियों का संग्रह), 2005 • कथा दशक (कथा यूके से सम्मानित 10 रचनाकारों की कहानियों का संग्रह), सम्मान • गुजरात साहित्य अकादमी का सम्मान 1994 और • महाराष्ट्र अकादमी का सम्मान 2002 • आशीर्वाद सम्माकन 2011 अन्य • कहानियां विभिन्न संग्रहों में प्रकाशित, कहानियों के दूसरी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित, • कहानियों का रेडियो पर प्रसारण और कहानियों का दूरदर्शन पर प्रदर्शन लेखन पर दो एम फिल और रचनाएं तीन पीएचडी कार्य में शामिल वेबसाइट: www.surajprakash.com email ID : mail@surajprakash.com, mobile : 9930991424 पता: एच1/101 रिद्धि गार्डन फिल्मr सिटी रोड, मालाड पूर्व मुंबई 400097 क्रम 1. उर्फ चंदरकला 2. किराये का इंद्रधनुष 3. क्या आप ग्रेसी राफेल से मिलना चाहेंगे? 4. खो जाते हैं घर 5. छोटे नवाब बड़े नवाब 6. डरा हुआ आदमी 7. दो जीवन समांतर 8. बाबू भाई पंड्या 9. मर्द नहीं रोते 10. यह जादू नहीं टूटना चाहिये दिसम्बूर 1990 में वर्तमान साहित्यस में छपी कहानी जिसने छपते ही हंगामा मचा दिया था। बरस भर पत्र छपे, वार्षिक चंदा वापिस मांगा गया और बिहार में इसकी हजारों फोटोकापी कराके गोष्ठि9यां की गयीं और चार पेजी न्यूज बुलेटिन निकाले गये। पूरे बरस साहित्यी में चर्चा का विषय बनने का सौभाग्यज। कुछेक लोगों ने अश्ली लता का आरोप लगाते हुए मुझपर केस करने की धमकी दी। लेखन क्रम से ये मेरी लिखी गयी चौथी और प्रकाशन के हिसाब से सातवीं कहानी है।

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